डॉo नरेश अरोरा इस लेख में हमें बताते हैं की कैसे प्राकृतिक तरीक़े से करें अपने बालों की देखभाल। इन सुझावों को आप अपने क्लाइयंट से भी साँझा कर सकते हैं और व्यतिगत रूप से उनकी परेशानियों का समाधान भी कर सकते हैं।
हम जानते हैं की रसायनों से युक्त हेयर केयर उत्पादों का प्रयोग करने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस प्रकार के उत्पाद बालों के लिए नुकसान देह हो सकते हैं।फिर भी हम कई बार इन बातों पर ध्यान नहीं दे पाते और अपने बालों का नुकसान कर लेते हैं। ख़ासकर सर्दी के मौसम में तो बालों को और अधिक देख्हाल की ज़रूरत होती है।आइए जानें इस्स मौसम में कैसे रखें अपने बालों को सेहतमंद –
आपका हेयर स्टाइल आपके लिए –
आपका हेयर स्टाइल आपके लिए काफ़ी मायने रखता है। इसलिए जब बालों की देखभाल की बात आती है तो आप बालों से सम्बंधित सौंनदर्य उत्पादों को बिना सोचे समझे नहीं चुन सकते। साथ ही हर कोई प्राकृतिक हेयर कलर पसंद करता है तो क्यों ना ऐसे ट्रीटमेंट को चुने जिसमें रसायनो का प्रयोग नहीं किया जाता। इसे पूरी तरह से प्राकृतिक उत्पादों की मदद से किया जाता है। बालों के प्राकृतिक उपचार के लिए अरोमा थेरेपी सबसे बेहतर विकल्प है।
बालों की समस्या
बालों से जुड़ी सबसे प्रमुख समस्या डैन्ड्रफ या रूसी की होती है, जिसका हमें सामना करना पड़ता है। सबसे पहले हमें ये जानना चाहिए रूसी होती क्या है। सिर को रगरने पर या खुजलाने पर कंधो पर जो सफ़ेद दाने/ स्केल्ज़ दिखते हैं वह रूसी होती है। दरसल यह शैम्पू को सही तरीक़े से नहीं धोने पर होते हैं। असलियत में रूसी / डैन्ड्रफ आपके स्केल्स (सिर की त्वचा) के नीचे होते है। यह बैक्टीरीयल संक्रमण का एक प्रकार है। यह गर्मियों में भी मौजूद रहती है। इस संक्रमण के उपचार में कम से कम ६ महीने से एक साल का वक़्त लगता है। जिसमें सही मायने में रूसी ख़ास होता है।
तेल बालों की जड़ों में लगाएँ ( अरोमा थेरेपी हेयर ओयल )
नारियल तेल को हल्का गरम करके रात को सोने से पहले बालों की जड़ों पर लगाएँ और ऊँगलियों से धीरे धीरे मसाज करें। १५ से २० मिनट मसाज के बाद गरम भाप का तौलिया सिर पर लपेटें और ५ मिनट के बाद सिर ढककर सो जाएँ। अरोमा थेरेपी द्वारा बना बालों का तेल सर्दी में प्रयोग लाया जाता है। १०० ग्राम बादाम तेल या जोजोबा तेल में १० बूंदे टी ट्री आयल, १० बूंदे पचोली आयल, १० बूंदे बेसिल ( तुलसी ) आयल मिलाकर प्रयोग किया जा सकता है जो बालों कि डैन्ड्रफ , बालों का झड़ना या माइग्रेन इत्यादि में ७ – १५ दिन में अच्छा असर देता है। तथा बालों का बढ़ना भी अच्छा होता है।
अरोमा शैम्पू
सुबह किसी अच्छे प्राकृतिक शैम्पू जैसे लैवेंडर शैम्पू या रोसमेरी शैम्पू से बाल धोएँ। इस तरीक़े से ३ – ६ महीने तक ट्रीटमेंट लेने से बालों की समस्या से पर्मनेंट छुटकारा मिल जाता है।
हेयर पैक
आँवला पाउडर, ब्राह्मी पाउडर, मेहँदी पाउडर, नीम, तुलसी, शिकाकाई, हरण, ब्रिंगरज का पाउडर बनाकर, उसमें टी ट्री ओयल कपूर कचरी और कैम्फ़र ओयल मिलाकर एक अच्छा पैक बनाया जा सकता है जिसको हफ़्ते में दो बार पेस्ट के रूप में लगाने से बालों का झडना व डैन्ड्रफ का उपचार किया जा सकता है। बालों को बढ़ाने के लिए और लम्बे करने के लिए भी यह हेयर पैक बहुत लाभ दायी होता है।
हेयर कंडिशनर
रूखे व अत्यधिक उल्लझे बालों में कंघी करने से बाल बीच भींच में भी टूट सकते हैं। जिसमें दो मूहे बाल ( स्प्लिट एंड्स ) होने की समस्या हो जाती है। विशेषकर सर्दी के मौसम में व ग़लत शैम्पू के इस्तेमाल से भी यह समस्या हो सकती है। ऐसे में हेयर कंडिशनर या हेयर हेयर स्पा क्रीम काफ़ी मदद करती है। यहाँ पे ध्यान देने की बात यह भी है की हेयर कंडिशनर या हेयर क्रीम लगाने के ५ – १० मिनट में धो देना चाहिए। सिलिकोन या केमिकल कंडिशनर मिले हुए कंडिशनर भी नुक़सान पहुँचा सकते हैं। इसलिए पानी से धूल जाने वाला (वाशेबल) कंडिशनर ही उपयोद करना चाहिए। दही, पनीर का पानी व सोया प्रोटीन, अंडे का सफ़ेद भाग कुछ देसी पगार्थ हैं जो काफ़ी अच्छा काम करते हैं।
हेयर कलर
प्राकृतिक हेयर कलर जैसे मेहँदी, इंडिगो पाउडर (नील पत्ता) व बुझे चूने का पानी एक अच्छा संयोजन बन सख़्त है, जिससे एक बढ़िया ( वाइब्रेंट ) हेयर कलर किया जा सकता है।